
दोस्तों – आज हम कर्मचारी चयन आयोग के विषय में चर्चा करेंगे। जिसमें कर्मचारी चयन आयोग से संबंधित समस्त जानकारियों का संक्षिप्त रूप में वर्णन करेंगे। कर्मचारी चयन आयोग पर लिखने की आवश्यकता इसलिए भी महसूस की गई कि कई साथियों द्वारा अनेक बातें SSC के विषय में कहीं गई जो उससे संबंधित ही नहीं थी भ्रांतियां को दूर करने की आवश्यकता महसूस हुई अतः एसएससी से संबंधित जितनी भी बातें हैं हम इसमें पूर्ण रूप से रखने का प्रयत्न करेंगे ताकि आपके ज्ञान में वृद्धि हो सके।
SSC – कर्मचारी चयन आयोग क्या है?
कर्मचारी चयन आयोग एक निकाय है जो देश के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों आयोगों एवं अन्य क्षेत्रों के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होती है जिनकी भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। SSC के अंतर्गत ग्रुप बी, ग्रुप सी, ग्रुप डी आदि स्तर के कर्मचारियों की भर्ती की जाती है।
SSC – कर्मचारी चयन आयोग की स्थापना कब की गई?
कर्मचारी चयन आयोग की स्थापना 26 सितंबर 1977 को की गई। इस आयोग का मुख्य कार्य गैर तकनीकी भर्तियां करना था।
SSC का संक्षिप्त इतिहास एवम् इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी ?
आजादी के बाद भारत में संघ लोक सेवा आयोग को यथारूप में स्वीकार कर लिया गया। जिसके अंतर्गत अधिकारियों एवं लोक सेवकों की भर्तियां की जाती थी। कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र आयोग व् निकाय आवश्यकता महसूस की जाने लगी। इसी तारतम्य में सर्वप्रथम 1967-68 में संसद की प्राक्कलन समिति की रिपोर्ट में सेवा चयन आयोग बनाने का प्रस्ताव रखा गया जिसका नाम सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान कर दिया गया।
प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट में गैर तकनीकी वर्ग 3 वह वर्ग 4 के पदों की भर्तियों के लिए एक भर्ती बोर्ड की स्थापना की वकालत की गई।
1975 में अधीनस्थ सेवा आयोग का गठन किया गया यही आयोग आगे चलकर 26 सितंबर 1977 को कर्मचारी चयन आयोग के रूप में नामित किया गया। इस विभाग में सुधार हेतु एक जून 1999 से कर्मचारी चयन आयोग के लिए नए नियम वह कार्य लागू किए गए।
ये भी पढ़े – SDM क्या होता है? SDM के कौन-कौन से कार्य होते हैं?
SSC की गठनात्मक संरचना क्या है?
एसएससी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का एक सहायक निकाय वह कार्यालय है कर्मचारी चयन आयोग में एक अध्यक्ष के साथ 2 सदस्य होते हैं। परीक्षा कार्य हेतु एक सचिव सह परीक्षा नियंत्रक होता है इन सभी की नियुक्ति विभिन्न सेवा शर्तों पर की जाती है आयोग में कार्य करने वाले सहायक कर्मचारी भी होते हैं इनमें निदेशक संयुक्त निदेशक वित्त एवं बजट अधिकारी आदि शामिल होते हैं।
SSC का मुख्य कार्यालय एवं अन्य क्षेत्रीय कार्यालय कहां कहां हैं?
कर्मचारी चयन आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसके अन्य सात क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं । ये क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी आदि जगह स्थित हैं। क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ एवं रायपुर में है। क्षेत्रीय एवं उप क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना की आवश्यकता SSC के कार्यों में तेजी लाना एवं आम जनता को सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की अनुमति से आवश्यकतानुसार क्षेत्रीय एवं उप क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
- Northern Region at New Delh
- NCT of Delhi, Rajasthan & Uttrakhand
एसएससी के द्वारा निम्न प्रकार से भर्तियां की जाती है।
SSC CGL : – इसका पूरा नाम कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल {Combined Graduate Level} परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से स्नातक स्तर से संबंधित पदों की भर्तियां की जाती हैl सीजीएल परीक्षा के अंतर्गत ग्रुप डी ग्रुप सी पदों के लिए भर्तियां SSC द्वारा की जाती है। इन पदों के लिए रिक्तियां समय-समय पर SSC द्वारा प्रकाशित की जाती है। सीजीएल परीक्षा तीन से चार चरणों में पूर्ण होती है इसमें प्रारंभिक मुख्य परीक्षा साक्षात्कार एवं कौशल दक्षता आदि की परीक्षा ली जाती है एवं बाद में मेरिट लिस्ट जारी कर चयन किया जाता है।
SSC CHSL – यह CGL के बाद दूसरी सबसे बड़ी परीक्षा SSC द्वारा आयोजित की जाती है। इसके अंतर्गत कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (10 +2) लेवल की परीक्षा ली जाती है। यह परीक्षा टियर 1 एवं टियर-2 के माध्यम से ली जाती है। ये बारहवीं के लेवल पर होती है, इस परीक्षा के माध्यम से ग्रुप डी के पद जिनमें जैसे क्लर्क, पोस्टमॉस्टर, पोस्टमैन, डाटा एंट्री आदि शामिल है की परीक्षा ली जाती है।यह परीक्षा सीजीएल की तरह प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।
केंद्रीय पुलिस :– एसएससी के द्वारा केंद्रीय पुलिस में विभिन्न पदों के लिए भर्तियां की जाती हैं। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निम्न बालों के लिए भर्तियां की जाती हैं-BSF,ITBP, NIA,SSF,CRPF, AR, SSB, CISF आदि के सब इंस्पेक्टर के लिए भर्ती निकलती है।
साइंटिफिक अस्सिटेंट पोस्ट – कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संबंधित क्षेत्र में वैज्ञानिकों की भर्ती के लिए आवश्यक योगिता धारित व्यक्तियों को परीक्षा के माध्यम से चयनित किया जाता है यह एक बहुत ही अच्छा पद माना जाता है। वैज्ञानिकों अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का अवसर भी प्राप्त होता है।
एसएससी Multi टास्किंग : – एसएससी द्वारा लिपिकों की भर्ती के लिए एवं मल्टीटास्किंग कार्य के लिए अलग-अलग पदों की भर्तियां भी की जाती हैं इसके अंतर्गत क्लर्क डाटा एंट्री ऑपरेटर मल्टी टास्किंग स्टाफ आदि पद शामिल हैं। यह विभिन्न विभागों में कार्यालयों संबंधी कार्यों को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके लिए अलग-अलग योग्यता निर्धारित की जाती है अधिकांशत ऐसे पदों के लिए 12वीं उत्तरण होना आवश्यक होता है, इसमें डाटा एंट्री ऑपरेटर, Multi टास्किंग स्टाफ, क्लोरट क्लर्क आदि के पोस्ट के लिए भर्ती निकलती है, इसके लिए भी दशवीं पास की योग्यता रखी गयी है।
हिंदी अनुवादक : – विभागों में भाषा संबंधित कार्य को सुगम बनाने के लिए हिंदी यादव अनुवाद को की आवश्यकता पड़ती है इन पदों को भरने के लिए SSC द्वारा समयानुसार पद निकाले जाते हैं इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक होते होना चाहिए जिसमें एक विषय हिंदी अवश्य हो वह परीक्षा के माध्यम से मेरिट लिस्ट तैयार कर चयन किया जाता है यह भी अच्छा पद माना गया है। पोस्ट graduate एवं डिप्लोमा प्राप्त अभ्यर्थी भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वैसे इन पदों में भर्ती के लिए कम से कम 2 भाषाओं का ज्ञान आवश्यक होता है जिनका अनुवाद किया जा सके।
स्टेनोग्राफर- स्टेनोग्राफर की भर्ती ग्रुप सी एवं ग्रुप बी लेवल के पदों में की जाती है इसमें 12वीं उत्तरण वह स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है इसमें स्टेनो का ज्ञान होना जरूरी होता है इसके प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्राप्त अभ्यर्थी इन पदों के लिए योग्य होते हैं और परीक्षा के माध्यम से इनका चयन होता है।
SSC परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्र सीमा क्या है ?
एसएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए कम से कम 18 वर्ष पूर्ण अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो सकता है अधिकतम उम्र 27 वर्ष तय की गई है परंतु अन्य वर्ग के लोगों को उम्र सीमा में छूट भी प्राप्त है।
एक अभ्यर्थी कितनी परीक्षा में बैठ सकता है?
कोई भी अभ्यर्थी उम्र सीमा के अंतर्गत अनेक बार परीक्षा में शामिल हो सकता है इसके लिए कोई अटेंड सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
ये भी पढ़े – BSF – बीएसएफ की स्थापना कब एवम् क्यों की गई?
SSC जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए तैयारी कैसे करें?
यूपीएससी के बाद कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की गई भर्ती परीक्षा सर्वाधिक कठिन होती है। इसे भी तीन से चार चरणों में पूर्ण किया जाता है, इसके लिए अलग रणनीति बनाने की आवश्यकता है। समय के अनुसार इस के सिलेबस में बदलाव भी हुआ है अब तो प्रश्न ही पूछे जाते हैं। समय सीमा 1 घंटे की होती है अतः इसके अनुसार हमें नए सिरे से रणनीति बनाने की आवश्यकता है। हमें निम्न बिंदुओं पर ध्यान दें तो हमारा चयन निश्चित रूप से होगा।
1.समय की कीमत को समझें और उसे महत्व दें।
2. सिलेबस को अच्छी तरह पढ़ा और बारंबार उससे पढ़कर याद कर लें।
3. यूट्यूब के माध्यम से आप अपनी अच्छी तैयारी कर सकते हैं।
4. कठिन विषयों एवं समसामयिकी घटनाओं पर विशेष ध्यान दे।
5. पुस्तकों का चयन उचित रूप से करें अधिक पुस्तकों की अपेक्षा कम पुस्तकों को ही महत्व दें और उन्हें बार-बार पढ़ें।
6. सफल हुए अभ्यर्थियों के साक्षात्कार से मार्गदर्शन प्राप्त करें।
7. अलग-अलग चरणों के लिए अलग अलग रणनीति बनाने की आवश्यकता होगी।
8. अपने मनोबल को बढ़ाने के लिए एक अच्छी पुस्तक अवश्य पढ़ें जो आपको हमेशा मोटिवेट करें।
9. अधिक से अधिक वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करें।
10. सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप यह जाने की क्या नहीं पढ़ना है अगर आप यह जान गए तो आपको यह मालूम होगा कि क्या पढ़ना है और इस प्रकार आप एसएससी में सफल हो सकेंगे।
11. ऐसी कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए आप एक अच्छी लाइब्रेरी भी ज्वाइन कर सकते हैं।
12. अंततः आप सफल तभी हो सकते हैं जब ना हार मानने का जुनून हो और हमेशा हार कर उठने की इच्छाशक्ति हो, यही आपको सफलता की ओर ले जाएगी।
ये भी पढे – EVM मशीन क्या है? EVM का आविष्कार कब और किसने किया?
SSC के लिए क्या कोचिंग जरूरी है ?
अनेक अभ्यर्थियों की यही समस्या है की वह समझ नहीं कर पाते हैं कि कोचिंग की जाए या ना की जाए अर्थात स्वयं से तैयारी की जाए या कोचिंग के माध्यम से। मेरा कहना है कि वर्तमान समय में आपको मार्गदर्शन के लिए अनेक साइट एवं यूट्यूब में अनेक जानकारी उपलब्ध है। आप इसके सहारे अच्छी तैयारी कर सकते हैं, यह तभी संभव होगा जब आप अपने आप को नियंत्रित कर सकते हैं कोचिंग से सेलेक्शन कभी नहीं होता आपको स्वयं मेहनत करना होता है, अतः आप इसका निर्णय स्वयं ले की कोचिंग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए।
SSC में नया नियम यूएफएम (UFM) क्या है?
2018 में SSC ने परीक्षा नियमों में अनेक परिवर्तन लाए जिसमें यूएफएम { Unfair-means} नियम भी लाया गया। इस नियम में यह प्रावधान किया गया की कोई भी परीक्षार्थी अपनी पहचान संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी उत्तर पुस्तिका में अंकित नहीं करेगा जिससे उसकी पहचान उजागर हो। कोई भी छात्र अपनी व्यक्तिगत पहचान और अन्य जानकारी ना जाहिर कर सके, इसके लिए स्टाफ कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सेलेक्शन कमीशन (SSC ) ने यूएफएम (Unfair Means – यह प्रावधान किया गया कि उत्तर पुस्तिका में किसी भी जगह नाम रोल नंबर पता या किसी भी प्रकार की पहचान यदि अंकित की जाती है तो उस परीक्षार्थी को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
इस नियम के बाद 2019 में आए रिजल्ट में अनेक विसंगतियां देखी गई बहुत से परीक्षार्थियों को बिना वजह अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन्हें 0 अंक प्रदान किए गए। यह कर्मचारी चयन आयोग के परीक्षा नीति पर एक प्रश्न चिन्ह भी लगाता है, इसमें सुधार करने की आवश्यकता है और परीक्षार्थियों से भी निवेदन है कि वह किसी भी प्रकार की पहचान या चिन्ह अंकित ना करें जिससे आपको भविष्य में ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़े।
Leave a Reply